उपन्यास >> उसका बचपन उसका बचपनकृष्ण बलदेव वैद
|
0 |
उसका बचपन एक महत्त्वपूर्ण और असाधारण उपन्यास है और अपने शिल्प और शैली के आधार पर हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में गिना जाता है।
उसका बचपन एक महत्त्वपूर्ण और असाधारण उपन्यास है और अपने शिल्प और शैली के आधार पर हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में गिना जाता है। इसमें एक संवेदनशील बच्चे के दृष्टिकोण से एक निर्धन परिवार के रोजमर्रा के जीवन और जोखिम को अनेक दृश्य खंडों में उभारा गया है। इसका छोटा सा संसार हमें विचलित भी करता है और एक गहरा आनन्द भी देता यथार्थ से लबालब होते हुए भी यह उपन्यास यथार्थवादी उपन्यासों की कई पुरानी लकीरों के इधर उधर होता हुआ आगे बढ़ता है। इसमें कोई एक कहानी नहीं, कोई बनावटी प्लाट नहीं। इसमें कृष्ण बलदेव वैद ने शब्दों का कहीं अपव्यय नहीं किया, न ही वे अतिभावुकता के शिकार हुए हैं। शिल्पगत आगाही और भाषागत ताजगी के लिहाज से श्री वैद का यह पहला उपन्यास एक आदर्श प्रस्तुत करता है। 1957 में अपने प्रथम प्रकाशन के समय उसका बचपन हिन्दी साहित्य की एक विशिष्ट घटना थी। इस संस्करण से उस घटना की याद ताजा हो जाएगी, ऐसी हमारी आशा है।
|