धर्म एवं दर्शन >> श्री रामायण महान्वेषणम्: खंड 1-2 श्री रामायण महान्वेषणम्: खंड 1-2एम वीरप्पा मोइली
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‘अतीत के दीपक से वर्तमान को प्रकाशित करने का प्रयत्न है ‘श्री रामायण महान्वेषणम्’।’
श्रीरामायण महान्वेषणम् ‘अतीत के दीपक से वर्तमान को प्रकाशित करने का प्रयत्न है ‘श्री रामायण महान्वेषणम्’।’ - नीरज जैन प्रतिष्ठित हिन्दी कवि सतना (म.प्र.) ‘‘मोइली जी को इतनी बड़ी साहित्यिक परियोजना पर सोचने के लिए, उसे पूरा करने के लिए, और भारतीय परम्परा में उसके उचित सन्निवेश के हेतु प्रयास करने के लिए बधाई देना चाहता हूँ...। - डॉ. वागीश शुक्ल कवि, दार्शनिक तथा समालोचक प्रोफेसर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलजी नई दिल्ली
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