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शताब्दी से शेष

पंकज बिष्ट

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2013
पृष्ठ :336
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 14285
आईएसबीएन :9788126724185

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‘शताब्दी से शेष’ विशिष्ट कथाकार पंकज बिष्ट की चर्चित कहानियों का संग्रह है।

‘शताब्दी से शेष’ विशिष्ट कथाकार पंकज बिष्ट की चर्चित कहानियों का संग्रह है। पंकज बिष्ट व्यापक सामाजिक सरोकारों से सम्पन्न एक ऐसे रचनाकार हैं जो यथार्थ की भीतरी तहों का उत्खनन करते हैं। संग्रह की भूमिका के अनुसार, ‘...इन कहानियों में अपने दौर के विभिन्न बदलावों और उनकी चुनौतियों को लगातार अभिव्यक्त करने की कोशिश है। इस पर भी ये कहानियाँ इतिहास या किसी तरह का दस्तावेज नहीं हैं; बल्कि अभी-अभी गुजरी सदी का ऐसा कोलाज है जिसका निर्माण निजी वृत्तान्त से हुआ है।’ प्रस्तुत कहानियों में घटनाएँ तो हैं, लेकिन वे किसी विस्मृत होते जीवन-मूल्य को रेखांकित करती हुई आती हैं। निजता तो है, लेकिन उसके आयतन में असंख्य जनों का सुख-दुख समाहित है। विमर्श तो है, लेकिन वह आवरण नहीं, आत्मा का हिस्सा है। पंकज बिष्ट की भाषा बेहद रचनात्मक है। जैसे, ‘पर उन दिनों न तो शून्य ही इतना अन्तहीन था, न ही एकरसता इतनी यांत्रिक। अपनी सारी प्रारम्भिक उदासी और अनमनेपन के बावजूद उसकी आँखें एक किशोर कौतुक से जगमगाती रहती थीं।’ प्रस्तुत संग्रह पाठकों को संवेदना और विचार के नए आयामों से परिचित कराता है।

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