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पालि हिन्दी कोश

भदंत आनंद कौशल्यायन

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2008
पृष्ठ :367
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 14120
आईएसबीएन :9788171787111

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इससे हिंदी, मराठी, और अन्य भारतीय भाषाओं के छात्र, अध्यापक निश्चित रूप से लाभान्वित होंगे। यह भारतीय भाषाओं में पालि-हिंदी का अपने ढंग का एकमात्र कोश है।

आधुनिक भारत में और खासतौर पर हिंदी, गुजराती, बंगाली, मराठी भाषी क्षेत्रों में पालि-भाषा के अध्ययन की ओर आम लोगों की रुचि दिन-ब-दिन बढ़ते जा रही है। भारत के कई विश्वविद्यालयों में पालि भाषा के अध्ययन-अध्यापन का कार्य हो रहा है। कई राज्यों में तो मिडल-स्कूल से पालि के अध्ययन अध्यापन की व्यवस्था की गई है। किंतु पालि भाषा के छात्रों तथा अध्यापकों को 'पालि-हिंदी कोश' की बहुत ही कमी महसूस हो रही थी। इस कमी को दूर करने का काम इस 'पालि-हिंदी कोश' ने किया है। भारतीय भाषा कोश में डी. भदन्त आनन्द कौसल्यायन का यह बड़ा योगदान है। कहा जाता है कि किसी भी भाषा के अध्ययन के लिए उस भाषा का कोश अनिवार्य है। यह कोश उन सभी की आवश्यकता को पूरा करता है जो पालि पढ़ने में रुचि रखते हैं। यह 'पालि-हिंदी कोश' पालि भाषा, हिंदी भाषा तथा बौद्ध. साहित्य के अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त अधिकारी विद्वान द्वारा लिखा गया है। इससे हिंदी, मराठी, और अन्य भारतीय भाषाओं के छात्र, अध्यापक निश्चित रूप से लाभान्वित होंगे। यह भारतीय भाषाओं में पालि-हिंदी का अपने ढंग का एकमात्र कोश है।

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