आलोचना >> हिंदी वेब साहित्य हिंदी वेब साहित्यसुनील कुमार लवटे
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हिंदी भाषा और साहित्य की विभिन्न वेबसाइट्स पर प्रकाशित साहित्य का यह पहला व्यवस्थित अनुसंधान है ।
हिंदी भाषा और साहित्य की विभिन्न वेबसाइट्स पर प्रकाशित साहित्य का यह पहला व्यवस्थित अनुसंधान है । इसके अलावा इसमें कंप्यूटर के उद्भव, वेबसाइटों के निर्माण और पोर्टल्स की बनावट आदि की बुनियादी जानकारी भी दी गई है । सीधे इंटरनेट पर प्रकाशित हिंदी साहित्य का व्यापक परिचय देनेवाली यह पुस्तक ज्ञानभाषा के रूप में हिंदी की क्षमता को भी रेखांकित करती है और इंटरनेट जैसे सर्वव्यापी मंच पर हिंदी के नए उभरते भाषा-वैज्ञानिक स्वरूप को भी स्पष्ट करती है । यह पुस्तक उन साहित्यकारों, समीक्षकों, अध्यापकों और रचनाकारों के लिए भी 'आई ओपनर' का काम करेगी जो अभी तक इंटरनेट से बचते आए हैं और उसकी क्षमता तथा उपयोगिता को नजरअंदाज करते रहे हैं । हिंदी के प्रति उपयोजित प्रतिबद्धता (Applied Commitment) की भूमिका के प्रति आगाह कर यह पुस्तक हमें संगणकीय प्रयोग के लिए प्रोत्साहन भी देती है । हिंदी को विश्वभाषा के रूप में चिन्हित करती यह पुस्तक इसलिए भी अनूठी है कि इसमें एक भी मुद्रित संदर्भ नहीं है, जो है, सब ऑनलाइन बिब्लियोग्राफी है ।
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