जीवनी/आत्मकथा >> आत्मकथा: डॉ. कर्ण सिंह आत्मकथा: डॉ. कर्ण सिंहकर्ण सिंह
|
0 |
डॉ– कर्ण सिंह को आधुनिक भारत के चिंतकों और राजनयिकों में एक महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है ।
डॉ– कर्ण सिंह को आधुनिक भारत के चिंतकों और राजनयिकों में एक महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है । मूलत: अंग्रेजी में प्रकाशित यह पुस्तक पहले दो खंडों में थी । बाद में इसे एक ही जिल्द में रमेटा गया जिसमें खासतौर से इसी संस्करण के लिए लिखी गई एक महत्त्वपूर्ण प्रस्तावना भी शामिल थी । यह इसी का हिंदी संस्करण है । डॉ– कर्ण सिंह की यह आत्मकथा भारतीय इतिहास के एक महत्त्वपूर्ण दौर का लेखा–जोखा प्रस्तुत करती है जिसमें भारत की स्वतंत्रता–प्राप्ति की घटना के अलावा जम्मू– कश्मीर की राजनीति, चीन और पाकिस्तान के साथ विवाद और पं– जवाहरलाल नेहरू व लालबहादुर शास्त्री के प्रधानमंत्रित्व काल की घटनाएँ शामिल हैं । इस बाह्य घटना–चक्र के अलावा इस पुस्तक में आप डॉ– कर्ण सिंह की पारिवारिक पृष्ठभूमि और उनकी आध्यात्मिक जिज्ञासाओं, आंतरिक विकास–क्रम और जीवन के आधारभूत सत्यों की खोज का ब्यौरा भी पाएँगे ।
|