आलोचना >> सूरदास सूरदासब्रजेश्वर वर्मा
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सूरदास के जीवन और कृतित्व संबंधी जो स्थापनाएं प्रो० वर्मा ने इस गंथ में प्रतिपादित की है उनकी प्रामाणिकता आज भी अक्षुण्ण है
प्रो० वर्मा द्वारा प्रणीत 'सूरदास' का यह संस्करण मध्ययुग के स्वर्णकाल के अन्यतम नायक सूरदास का प्रथम वैज्ञानिक अध्ययन है। गत तीस वर्ष से यह ग्रंथ सूर के अध्येताओं, विद्वानों और विद्यार्थियों के लिए प्रकाश स्तम्भ रहा है। इस ग्रंथ से प्रेरणा लेकर सूर संबंधी अनेक शोध और आलोचना ग्रंथ लिखे गये हैं। सूरदास के जीवन और कृतित्व संबंधी जो स्थापनाएं प्रो० वर्मा ने इस गंथ में प्रतिपादित की है उनकी प्रामाणिकता आज भी अक्षुण्ण है। प्रो० वर्मा की इस कृति की ख्याति देश और विदेश में समान रूप से है।
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