लोगों की राय

उपन्यास >> प्रथम फाल्गुन

प्रथम फाल्गुन

श्रीनरेश मेहता

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 1985
पृष्ठ :252
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 13248
आईएसबीएन :9788180317187

Like this Hindi book 0

इसका कथानक उस प्रथम प्रेम की मार्मिकता को अभिव्यक्त करता है जिसका सम्मोहन सार्वकालिक तथा सार्वदेशिक होता है

इसका कथानक उस प्रथम प्रेम की मार्मिकता को अभिव्यक्त करता है जिसका सम्मोहन सार्वकालिक तथा सार्वदेशिक होता है।
इस उपन्यास में दो पात्र-गोपा और महिम। आज से तीस-चालीस वर्ष का लखनऊ। परिपार्श्व की इस ऐकान्तिकता के साथ-साथ दो पात्रों का अपना निजपन, जहाँ किसी तीसरे का कोई अर्थ या महत्त्व नहीं। रागात्मकता के किन-किन और कैसे-कैसे प्रसंगों, स्थितियों तथा मुद्राओं से होकर गोपा और महिम यात्रा करते हैं यह इस उपन्यास की बुनावट, भाषा तथा प्रतीकों, के माध्यम से देखा जा सकता है।
जिस प्रकार गोपा और महिम को किसी अन्य की अपेक्षा नहीं वैसी ही तन्मयता इसे पढ़ते हुए मिलती हैं।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book