कोश-संग्रह >> लोकभारती बृहत प्रामाणिक हिंदी कोश लोकभारती बृहत प्रामाणिक हिंदी कोशरामचन्द्र वर्माबदरीनाथ कपूर
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निश्चय ही यह कोश, विद्यार्थियों, लेखकों, अध्यापकों, संपादकों, पत्रकारों, शोधार्थियों इत्यादिके लिए अत्यंत उपयोगी तथा विश्वसनीय है
प्रामाणिक हिन्दी कोश
आज-कल संसार में जो भाषाएँ आदर्श रूप में समुन्नत तथा समृद्ध मानी जाती हैं, उन सबकी एक बहुत बड़ी विशेषता यह है कि उनके शब्दकोशों में प्रत्येक शब्द का बहुत ही वैज्ञानिक और व्यवस्थित रूप से सीमाबद्ध और स्पष्ट निरूपण होता है-ऐसा निरूपण होता है कि उसे एक बार अच्छी तरह देख लेने पर उसके अर्थ तथा प्रयोगों के सम्बन्ध में किसी प्रकार के भ्रम या सन्देह के लिए कोई अवकाश ही नहीं रह जाता। अर्थों के इस प्रकार के विवेचन से ही भाषा वास्तविक रूप से पुष्ट तथा प्रौढ़ होती है, उसका स्वरूप निखरता है और भाषा सचमुच उन्नत भाषाओं के वर्ग में परिगणित होने के योग्य हो जाती है। हम हिन्दीभाषियों का भी यह प्रमुख कर्त्तव्य होना चाहिए कि हम हिन्दी शब्दों का ठीक और पूरा अर्थ-विवेचन करके उसे भी ऐसे उच्च स्तर तक पहुँचाने का प्रयत्न करें कि वह भी उन्नत भाषाओं के वर्ग में गिनी जाने लगे।
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