आलोचना >> इलाचन्द्र जोशी का कथा साहित्य इलाचन्द्र जोशी का कथा साहित्यजे हरिकुमार
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अपनी रचना प्रक्रिया में आद्यंत एक नवीन दृष्टिकोण लेकर चलने वाले जोशीजी के कथा-साहित्य के सम्यक् विश्लेषण-मूल्यांकन का यह एक प्रयास है
श्री इलाचन्द्र जोशी आधुनिक हिन्दी की मनोवैज्ञानिक-मनोविश्लेषणात्मक कथा-साहित्य-परम्परा के सशक्त एवं समर्थ हस्ताक्षर थे। एक दर्जन उपन्यासों व करीब पचास कहानियों की रचना करके उन्होंने हिन्दी कथा-साहित्य क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना ली, किन्तु हिन्दी के अन्य कथाकारों की तुलना में इस प्रतिभावान कथाकार के साहित्य के सम्यक् विश्लेषण-मूल्यांकन का प्रयास बहुत ही कम हुआ है। कभी आधुनिक हिन्दी की औपन्यासिक परम्परा के क्रमिक विकास के अन्तर्गत मनोवैज्ञानिक-मनोविश्लेषणात्मक उपन्यासों के प्रणेता के रूप में जोशीजी का उल्लेख मिलता है तथा कभी उनकी कतिपय औपन्यासिक रचनाओं का विश्लेषण। उनकी सम्पूर्ण कहानियों को लेकर स्वतंत्र रूप से अध्ययन-अनुसंधान का कार्य अभी तक नहीं के बराबर है। अपनी रचना प्रक्रिया में आद्यंत एक नवीन दृष्टिकोण लेकर चलने वाले जोशीजी के कथा-साहित्य के सम्यक् विश्लेषण-मूल्यांकन का यह एक प्रयास है।
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