आलोचना >> आधुनिक हिन्दी साहित्य का इतिहास आधुनिक हिन्दी साहित्य का इतिहासबच्चन सिंह
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आधुनिक युग इतनी तेजी से बदल रहा है और बदल रहा है कि साहित्य के बदलाव से भी उसे समझा जा सकता है
आधुनिक युग इतनी तेजी से बदल रहा है और बदल रहा है कि साहित्य के बदलाव से भी उसे समझा जा सकता है। इस बदलाव को क्षिप्रतर बदलाव को साहित्य और इतिहास दोनों के संदर्भों में एक साथ पकड़ना ही इतिहास है। यह पकड़ तब तक विश्वसनीय नहीं हो सकती जब तक समसामयिक अखबारी साहित्य को श्रेष्ठ भविष्योन्मुखी साहित्य से अलगाया न जाय। प्रत्येक युग का आधुनिक काल ऐसे साहित्य से भरा रहता है जो साहित्येतिहास के दायरे में नहीं आता। किन्तु यह जरूरी नहीं है कि हम अपने इतिहास के लिए ग्रंथों का जो अनुक्रम प्रस्तुत करेंगे वह कल भी ठीक होगा, अपरिवर्तनीय होगा।
इस नये संस्करण में कुछ पुरानी बातों को बदल दिया गया है और नये तथ्यों के आधार पर उनका नया अर्थापन किया गया है। इस संस्करण को अद्यतन बनाने के लिए बहुत सारे लेखकों, कवियों और रचनाकारों को भी सम्मिलित कर लिया गया है अब यह अद्यतन रूप में आपके सामने है।
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