कहानी संग्रह >> पाँच बेहतरीन कहानियाँ पाँच बेहतरीन कहानियाँअखिलेश तत्भव
|
0 |
पाँच बेहतरीन कहानियाँ
‘‘हम लोग लड़कियों के दीवाने थे। कोई हमारी आन्तरिक बातें सुनता तो हमें लम्पट और लुच्चा मान लेता। मगर हम ऐसे गिरे हुए नहीं थे। ...सच कहूँ, हम इतने नैतिक थे कि अवसर को ठुकरा देते थे। वैसे तो हम लोगों की तरफ़ अनेक लड़कियाँ लपकती थीं। हम अपने-अपने विभाग के हीरो थे। यह भी बता दूँ कि चिकने-चुपड़े गालों, सफाचट मूँछों और दौलत की वजह से हीरो नहीं थे; बल्कि हममें से अधिसंख्य तो दाढ़ी भी रखते थे। जहाँ तक दौलत का प्रश्न है, तो हम लड़कियों से प्रायः चन्दा माँगते थे।’’
|