नई पुस्तकें >> बावन चिट्ठियाँ बावन चिट्ठियाँबाबुषा कोहली
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
‘‘रज़ा पुस्तक माला में युवा लेखकों और गैर-रस्मी लेखन को विशेष स्थान देने की हमारी चेष्टा है। कवि का गद्य वैसे भी सामान्य गद्य से अलग रंगत का होता है। कवयित्री बाबुषा कोहली की ‘बावन चिठ्ठियाँ’ मनीष पुष्कले के रेखांकनों के साथ प्रस्तुत करते हुए हमें प्रसन्नता है। उनमें बहुत कुछ है जो असाधारण है, असाधारण को अनायास छूता-ज़ाहिर करता है।’’
— अशोक वाजपेयी
— अशोक वाजपेयी
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