नई पुस्तकें >> विजयनगर की राजनर्तकी विजयनगर की राजनर्तकीबलवंत सिंह
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
प्राचीन दन्तकथाएँ अनेक देशो में प्रचलित हैं। अलिफ-लैला की कथाओं में सिंदबाद जहाजी अपनी एक यात्रा का विवरण देते हुए एक ऐसी बासी का वर्णन भी करता है, जो रत्नों से परिपूर्ण थी और जहाँ किसी भी मनुष्य का पहुँच पाना असम्भव था। विजयनगर में भी यह बात प्रसिद्ध थी कि राज्य के उत्तर में इसी प्रकार की एक घाटी है। इस उपन्यास के पात्र ऐसे हैं, जिनमें सोचने-समझने का सामर्थ्य है और उन्हें इसका अवकाश भी है, परन्तु वे यह सब किसी विशेष दर्शन से प्रेरित होकर नहीं करते, वरन् एक आन्तरिक उत्कण्डा के कारण करते हैं।
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