नई पुस्तकें >> प्रेम और पत्थर प्रेम और पत्थरवर्षा दास
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इस लघु-नाटक संकलन में वर्षा दास द्वारा किए गए चार कहानियों के नाट्य-रूपान्तरण हैं जिनमें उन्होंने कहानी के मूल मंतव्य को बिना कोई हानि पहुंचाए उसे नाट्य-रूप दिया है। पहला नाटक डॉ. लोकनाथ भट्टाचार्य की बांग्ला कहानी 'प्रेम ओ पाथर' पर आधारित है। इसके केंद्र में शिव कि एक प्राचीन प्रस्तर-मूर्ति है जो कथा-नायक के लिए एक बड़े नैतिक निर्णय का आधार बनती है। वह उस मूर्ति की चोरी करनेवाले एक तथाकथित संस्कृति-प्रेमी द्वारा दी जानेवाली नौकरी को भी ठुकरा देता है और आगे हमेशा के लिए उससे सम्बन्ध समाप्त कर लेता है। दूसरा नाटक लाभुबहन मेहता की गुजराती कहानी 'बिंदी' पर आधारित है जिसमे एक युवती के आकस्मिक वैधव्य और फिर उसके जीवन के एक नए मोड़ कि कहानी को रूपायित किया गया है। नाटक 'मरा हुआ' डॉ. लोकनाथ भट्टाचार्य की ही बांग्ला दिलचस्प नाटक है जिसमें एक कुत्ते कि मौत और मनुष्यों से उसके सम्बन्ध को बहुत मनोरंजक ढंग से प्रकाश डाला गया है। 'जेसल-तोरल' एक गुजराती लोककथा पर आधारित नाटक है जिसमें एक किवदन्ती के माध्यम से हमें एक नैतिक सबक मिलता है ! कहानी एक लुटेरे कि है जो अंत में अपने किए पर पश्चाताप करता है और बदल जाता है।
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