लोगों की राय

नई पुस्तकें >> पृथिवी-पुत्र

पृथिवी-पुत्र

वासुदेवशरण अग्रवाल

प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :288
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 12156
आईएसबीएन :9789352664450

Like this Hindi book 0

‘पृथिवी-पुत्र’ डॉ. वासुदेवशरण अग्रवाल द्वारा समय-समय पर लिखे गए उन लेखों और पत्रों का संग्रह है, जिनमें जनपदीय दृष्टिकोण से साहित्य और जीवन के सम्बन्ध में कुछ विचार प्रकट किए गए थे। इस दृष्टिकोण की मूल प्रेरणा पृथिवी या मातृभूमि के साथ जीवन के सभी सूत्रों को मिला देने से उत्पन्न होती है। ‘पृथिवी-पुत्र’ का मार्ग साहित्यिक कुतूहल नहीं है, यह जीवन का धर्म है। जीवन की आवश्यकताओं के भीतर से ‘पृथिवी-पुत्र’ भावना का जन्म होता है। ‘पृथिवी-पुत्र’ धर्म में इसी कारण प्रबल आध्यात्मिक स्फूर्ति छिपी हुई है। ‘पृथिवी-पुत्र’ दृष्टिकोण हमारे राष्ट्रीय अस्तित्व और विकास की आध्यात्मिक पृष्ठभूमि के साथ हमारा परिचय कराता है।

पृथिवी को मातृभूमि और अपने आपको उसका पुत्र समझने का अर्थ बहुत गहरा है। यह एक दीक्षा है, जिससे नया मन प्राप्त होता है। पृथिवी-पुत्र का मन मानव के लिए ही नहीं, पृथिवी से सम्बन्धित छोटे-से तृण के लिए भी प्रेम से खुल जाता है। पृथिवी-पुत्र की भावना मन को उदार बनाती है। जो अपनी माता के प्रति सच्चे अर्थों में श्रद्धावान् है, वही दूसरे के मातृप्रेम से द्रवित हो सकता है। मातृभूमि को जो प्रेम करता है, वह कभी हृदय की संकीर्णता को सहन नहीं कर सकता।

जनता के पास नेत्र हैं, लेकिन देखने की शक्ति उनमें साहित्यसेवी को भरनी है। भारतीय साहित्यसेवी का कर्तव्य इस समय कम नहीं है। उसे अपने पैरों के नीचे की दशांगुल भूमि से पृथिवी-पुत्र धर्म का सच्चा नाता जोड़कर उसी भावना और रस से सींच देना है।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book