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मुस्कराने की वजह तुम हो

सुरेश चंद्र

प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 12148
आईएसबीएन :9789352666034

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रनबीर सपने देखता है। उसके पास मोटी तनख्वाह वाली नौकरी है, लेकिन उसकी आकांक्षाएँ ऊँची हैं। वह एक अच्छा प्रेमी है। वह अदा को चाहता है और उसकी खातिर दुनिया के किसी भी आराम को छोड़ सकता है। लेकिन इसके बाद भी, वह खुश नहीं है। उसका वास्तविक पेशा कॉरपोरेट की नौकरी नहीं, बल्कि लेखन है।

काफी सोच-विचार के बाद, वह इसमें कूद पड़ता है और अपनी नौकरी को छोड़ पूरी तरह से लिखने के काम में जुट जाता है। वह जब संतुलन बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा होता है, तब अदा भी उससे दूरी बढ़ाने लगती है। क्या वह सच में उससे प्यार करती थी, या वह बस एक दिखावा था ?

इन सारी उलझनों के बीच, पीहू शर्मा उसकी जिंदगी में आती है, जो उसकी अब तक की पहली प्रशंसक, और पूरी तरह से उसके प्यार में डूबी हुई लगती है। अदा के साथ जहाँ रनबीर के संबंध बिगड़ते जाते हैं, वहीं पीहू अपने ऐशो-आराम की जिंदगी को छोड़ उसके साथ रहने चली आती है। क्या यही है वह सच्चा प्यार, जिसका इंतजार रनबीर कर रहा था ?

आइए, और रनबीर के साथ उस रास्ते पर चलिए, जहाँ ये दुनिया पैसे के लिए मार डालती है और प्यार के लिए जान दे देती है।

‘मुस्कुराने की वजह तुम हो’ प्यार, भाईचारा, भावना, समर्पण, दर्द, और उन गहराइयों की कहानी है, जहाँ तक एक दिल खोए प्यार को पाने के लिए जा सकता है।

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