विविध >> 1000 पत्रकारिता एवं जनसंचार 1000 पत्रकारिता एवं जनसंचारएस पी चैतन्य
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
वर्तमान युग में जन-संचार माध्यमों की भूमिका का क्षेत्र काफी विस्तृत हो गया है। आजादी के बाद के साठ वर्षों में जीवन के हर क्षेत्र में बदलाव आया है। आज अखबार मित्रता करना भी सिखा रहे हैं। अखबार उपहार दिलाते हैं, विदेश की सैर कराते हैं और नकद इनाम भी दिलाते हैं।
पत्रकारिता एवं जन-संचार के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व बदलाव आया है। प्रिंट मीडिया की आज देश के कोने-कोने तक पहुँच है। खोजी पत्रकारिता एवं स्टिंग ऑपरेशन आज खूब लोकप्रिय हैं। प्रेस का दायरा एवं दायित्व बहुत बढ़ गए हैं। लोकतंत्र में पत्रकारिता यानी मीडिया को चौथा स्तंभ माना जाता है।
आज की भागमभाग की जीवनचर्या में सभी के पास समय का अभाव है। दूसरे, आज हर क्षेत्र में प्रतियोगिता का बोलबाला है। इसी को ध्यान में रखकर पत्रकारिता जगत् की समस्त जानकारी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के रूप में दी गई है।
प्रस्तुत पुस्तक में जनसंचार के सिद्धांत प्रशिक्षण, पत्रकारिता का इतिहास, प्रिंट मीडिया, फोटो पत्रकारिता, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, रेडियो, टी.वी., केबल चैनल, कंप्यूटर, इंटरनेट, प्रेस कानून, विज्ञापन, स्टिंग ऑपरेशन, जनसंपर्क इत्यादि से संबंधित एक हजार प्रश्न दिए गए हैं।
प्रस्तुत पुस्तक विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाए जानेवाले पत्रकारिता एवं जन-संचार के पाठ्यक्रमों के आधार पर तैयार की गई है। निश्चय ही यह विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं सामान्य पाठकों के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध हो सकती है।
पत्रकारिता एवं जन-संचार के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व बदलाव आया है। प्रिंट मीडिया की आज देश के कोने-कोने तक पहुँच है। खोजी पत्रकारिता एवं स्टिंग ऑपरेशन आज खूब लोकप्रिय हैं। प्रेस का दायरा एवं दायित्व बहुत बढ़ गए हैं। लोकतंत्र में पत्रकारिता यानी मीडिया को चौथा स्तंभ माना जाता है।
आज की भागमभाग की जीवनचर्या में सभी के पास समय का अभाव है। दूसरे, आज हर क्षेत्र में प्रतियोगिता का बोलबाला है। इसी को ध्यान में रखकर पत्रकारिता जगत् की समस्त जानकारी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के रूप में दी गई है।
प्रस्तुत पुस्तक में जनसंचार के सिद्धांत प्रशिक्षण, पत्रकारिता का इतिहास, प्रिंट मीडिया, फोटो पत्रकारिता, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, रेडियो, टी.वी., केबल चैनल, कंप्यूटर, इंटरनेट, प्रेस कानून, विज्ञापन, स्टिंग ऑपरेशन, जनसंपर्क इत्यादि से संबंधित एक हजार प्रश्न दिए गए हैं।
प्रस्तुत पुस्तक विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाए जानेवाले पत्रकारिता एवं जन-संचार के पाठ्यक्रमों के आधार पर तैयार की गई है। निश्चय ही यह विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं सामान्य पाठकों के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध हो सकती है।
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