गीता प्रेस, गोरखपुर >> ब्रह्म पुराण ब्रह्म पुराणगीताप्रेस
|
2 पाठकों को प्रिय 435 पाठक हैं |
इसमें भगवान् विष्णु के परब्रह्म स्वरूप का वर्णन किया गया है...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
।।श्रीहरि:।।
भारतीय संस्कृति और शास्त्रों में पुराणों की बड़ी महिमा है। पुराण अनन्त ज्ञान-राशि के भण्डार हैं। इसमें भगवान् विष्णु के परब्रह्म स्वरूप का वर्णन है। इसके अतिरिक्त देवी पार्वती का अनुपम चरित्र और उनकी धर्मनिष्ठा गौतमी तथा गंगा का माहात्म्य,गोदावरीस्नान का फल और अनेक तीर्थ-माहात्म्य,व्रत,अनुष्ठान,दान तथा श्राद्ध आदि का महत्व इसमें विस्तार से वर्णित है। साथ ही अच्छे बुरे कर्मों का फल स्वर्ग-नरक और वैकुण्ठादिका भी विशद वर्णन है। इस पुराण में अनेक शिक्षाप्रद कल्याणकारी रोचक कथाएँ है जो मनुष्य जीवन को उन्नत बनाने में सहायक और उपयोगी है।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book