भारतीय जीवन और दर्शन >> अभिज्ञानशाकुन्तलम्-कालिदास विरचित अभिज्ञानशाकुन्तलम्-कालिदास विरचितसुबोधचन्द्र पंत
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अमरसिंह
ये प्रकाण्ड विद्वान थे। बोध-गया के वर्तमान बुद्ध-मन्दिर से प्राप्य एक
शिलालेख के आधार पर इनको उस मन्दिर का निर्माता कहा जाता है। उनके अनेक
ग्रन्थों में एक मात्र 'अमरकोश' ग्रन्थऐसा है कि उसके आधार पर उनका यश
अखण्ड है। संस्कृतज्ञों में एक उक्ति चरितार्थ है जिसका अर्थ है
'अष्टाध्यायी' पण्डितों की माता है और 'अमरकोश' पण्डितों का पिता।
अर्थात् यदि कोइ इन दोनों ग्रन्थों को पढ़ ले तो वह महान् पण्डित बन
जाता है।
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