नई पुस्तकें >> सोचिए और स्वस्थ रहिए सोचिए और स्वस्थ रहिएअबरार मुल्तानी
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
यह एक भ्रान्ति है कि हमारे विचार स्वतः प्रवाहित होते हैं और असर दिखते हैंI विचारों को नियंत्रित कर उन्हें सही दिशा में प्रवाहित किया जा सकता है तथा मनचाहा परिणाम भी प्राप्त किया जा सकता है। हम अपने शरीर को सजाने-सँवारने के लिए कई प्रकार को के जतन करते हैं, लेकिन पूरे शरीर नियंत्रित करने वाले विचारों को सुधारने अथवा सँवारने के लिए कुछ नहीं करते। नतीजतन, हम रोगी हो रहे हैं।
आज का मनुष्य कुंठित, निराश, भयभीत और अत्यधिक बीमार है - शायद इतिहास का सबसे निराश और बीमार मानव। यह पुस्तक अत्यंत व्यावहारिक है, आपके हृदय और मस्तिष्क पर पड़े नकारात्मक विचारों की छाप को हटाने में मददगार साबित होगी तथा उनकी पुनरावृत्ति को रोकेगी। यह विचारों को नियंत्रित करने की कला सिखाएगी और सुखद परिणामों द्वारा आपके स्वास्थ्य एवं यौवन को नई ऊँचाई प्रदान करेगा। विचारों की इस अद्भुत एवं रोचक पाठशाला में आपका स्वागत है...
आज का मनुष्य कुंठित, निराश, भयभीत और अत्यधिक बीमार है - शायद इतिहास का सबसे निराश और बीमार मानव। यह पुस्तक अत्यंत व्यावहारिक है, आपके हृदय और मस्तिष्क पर पड़े नकारात्मक विचारों की छाप को हटाने में मददगार साबित होगी तथा उनकी पुनरावृत्ति को रोकेगी। यह विचारों को नियंत्रित करने की कला सिखाएगी और सुखद परिणामों द्वारा आपके स्वास्थ्य एवं यौवन को नई ऊँचाई प्रदान करेगा। विचारों की इस अद्भुत एवं रोचक पाठशाला में आपका स्वागत है...
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