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पाहुडदोहा (अपभ्रंश का रहस्यवादी काव्य)

मुनि रामसिंह

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :260
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 10510
आईएसबीएन :9788126317899

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भारतीय अध्यात्म की प्राचीनतम परम्परा में भावात्मक अभिव्यंजना को अभिव्यक्त करने वाला एक विशुद्ध रहस्यवादी काव्य.

भारतीय अध्यात्म की प्राचीनतम परम्परा में भावात्मक अभिव्यंजना को अभिव्यक्त करने वाला एक विशुद्ध रहस्यवादी काव्य. काव्यात्मक धरातल पर आध्यात्मिक श्रमण-परम्परा के स्वरों से समन्वित तथा विद्रोहात्मक बोलों की अनुगूँज से भरपूर नौवीं शताब्दी की सशक्त रचना; जिससे हिन्दी का आदिकालीन तथा मध्यकालीन साहित्य भी प्रभावित हुआ. आत्मानुभूति के निश्छल प्रकाशन में अनुपम तथा परम साध्य को रेखांकित करने वाली 220 दोहों में अनुबद्ध प्रामाणिक कृति.

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