जैन साहित्य >> नयचक (णयचक्को) (प्राकृत, हिन्दी) नयचक (णयचक्को) (प्राकृत, हिन्दी)माइल्ल धवल
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प्रस्तुत ग्रन्थ 'णयचक्को' आचार्य माइल्लधवल की एक श्रेष्ठ एवं अति महत्त्वपूर्ण रचना है.
प्रस्तुत ग्रन्थ 'णयचक्को' आचार्य माइल्लधवल की एक श्रेष्ठ एवं अति महत्त्वपूर्ण रचना है. यह कृति आचार्य देवसेन के नयचक्र से प्रभावित है. इसका अध्ययन कर लेने पर सम्पूर्ण नय का विषय स्पष्ट हो जाता है. नयचक्र की चर्चा में द्रव्य और पर्याय के अतिरिक्त आगम-अध्यात्म की कथन-पद्धति में भेद होने के कारण उनके भेद-प्रभेदों का ज्ञान कराया जाता है. प्रस्तुत ग्रन्थ में द्रव्य, गुण तथा पर्याय को समझाने के लिए विस्तार से नयों का वर्णन किया गया है जो अत्यंत महत्त्वपूर्ण है.
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