| 
			 विविध >> खजुराहो की प्रतिध्वनियाँ खजुराहो की प्रतिध्वनियाँरमेशचन्द्र, दिनेश मिश्र, पद्मधर त्रिपाठी
  | 
        
		  
		  
		  
          
			 
			  | 
     |||||||
भारतीय धर्म-चिन्तन, दर्शन-परम्परा, साधना-पद्धति के परिप्रेक्ष्य में खजुराहो पर काफी लिखा गया है. लेकिन…
भारतीय धर्म-चिन्तन, दर्शन-परम्परा, साधना-पद्धति के परिप्रेक्ष्य में खजुराहो पर काफी लिखा गया है. लेकिन रमेश चन्द्र, दिनेश मिश्रा, पद्माधर त्रिपाठी इन तीनों ने मिलकर 'खजुराहों की प्रतिध्वनियाँ' में विभिन्न रचनाकारों की कविताओं, ललित गद्य, उपन्यास-अंश, नाटक-अंश का संकलन किया है. इस संचयन में रचनाकारों की खजुराहों की कला-सृष्टि से उपजी सर्जनात्मकता के मोहक रंग हैं.
						
  | 
				|||||
लोगों की राय
				No reviews for this book
			
			
			
		
 
i                 






