विविध >> अन्तर्द्वन्द्धों के पार : गोम्मटेश्वर बाहुबली अन्तर्द्वन्द्धों के पार : गोम्मटेश्वर बाहुबलीलक्ष्मीचन्द्र जैन
|
0 |
यह एक ऐसी रचना है जिसके सृजन में श्री लक्ष्मीचन्द्र जैन के साहित्यिक शैली-शिल्प ने नए आयाम उद्घाटित किये हैं.
यह एक ऐसी रचना है जिसके सृजन में श्री लक्ष्मीचन्द्र जैन के साहित्यिक शैली-शिल्प ने नए आयाम उद्घाटित किये हैं. तीर्थंकर आदिनाथ द्वारा समाज-सरंचना की पृष्ठभूमि; उनके पुत्र भरत और बाहुबली के जीवन के मानवीय रूपों एवं उनके मनोजगत के अन्तर्द्वन्द्वों का मार्मिक चित्रण; चाणक्य; सम्राट चन्द्रगुप्त और श्रुतकेवली भद्रबाहु के इतिहास की प्रस्तुति में उपन्यास का आकर्षण, आदि.
|
लोगों की राय
No reviews for this book