लोगों की राय

नाटक-एकाँकी >> तीन नाटक

तीन नाटक

सुरेन्द्र वर्मा

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :126
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 10420
आईएसबीएन :8170556848

Like this Hindi book 0

तीन नाटकों में प्राचीन स्मृतियाँ किसी न किसी स्तर पर सक्रिय हैं. कह सकते हैं कि …

तीन नाटकों में प्राचीन स्मृतियाँ किसी न किसी स्तर पर सक्रिय हैं. कह सकते हैं कि इनका आधार प्राचीन है लेकिन फलक इतना व्यापक है कि वह समकालीन व्यक्ति और उसके समूचे समाज को भी समेत लेता है.यहाँ लेखन के संस्कृत भाषा और साहित्य के गहरे अध्ययन का रचनात्मक इस्तेमाल भी देखने को मिलता है. लेखक ने अपने मंतव्य को पात्रों और घटनाओं के माध्यम से व्यक्त किया है.

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book