भाषा एवं साहित्य >> अपभ्रंश भाषा और साहित्य अपभ्रंश भाषा और साहित्यराजमणि शर्मा
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अपभ्रंश को आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं के जननी कहा गया है
अपभ्रंश को आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं के जननी कहा गया है। भारतीय इतिहास में यह एकमात्र भाषा ही नहीं, अपितु एक ऐसा सहज एवं गतिशील जन-आन्दोलन है जो किसी का संस्कार या वरदहस्त पाए बिना लगभग हजार वर्ष तक समस्त भारत को झंकृत करता रहा और हर आधुनिक भारतीय भाषा को नया रूप-आकार देते हुए उसे संवर्द्धित करता रहा।
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