कविता संग्रह >> जगह जैसी जगह जगह जैसी जगहहेमन्त शेष
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कविता लिखने के ढंग अनगिनत हैं पर जिस तरह की कविता हेमंत शेष लिखते हैं वह बहुत सारे 'बाहर' की औपचारिक आक्रांति न होकर आत्मा के भीतर जाने वाले रास्तों की खोज है…
कविता लिखने के ढंग अनगिनत हैं पर जिस तरह की कविता हेमंत शेष लिखते हैं वह बहुत सारे 'बाहर' की औपचारिक आक्रांति न होकर आत्मा के भीतर जाने वाले रास्तों की खोज है : गहरी आत्मकुलता और अर्थगर्भी विकलता को काव्याशयों में बदलने वाली कोशिश।
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