कविता संग्रह >> कहीं और कहीं औरवीरेन्द्र कुमार जैन
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हिन्दी के सुप्रसिद्ध कथाकार एवं कवि वीरेन्द्र कुमार जैन के इस कविता-संग्रह में दार्शनिक भावबोध की अपूर्व उंचाई है…
हिन्दी के सुप्रसिद्ध कथाकार एवं कवि वीरेन्द्र कुमार जैन के इस कविता-संग्रह में दार्शनिक भावबोध की अपूर्व उंचाई है। यहाँ कवि की व्यक्तिसत्ता असीम शुन्य के अनहद नाद में अपनी संपूर्ण चेतना को इस तरह घुला देती है कि शेष रह जाता है सिर्फ एक निर्वैयक्तिक भान और इसी आन्तर चेतना से उपजी हैं ये कविताएँ।
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