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कठपुतलियाँ

मनीषा कुलश्रेष्ठ

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2008
पृष्ठ :142
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 10355
आईएसबीएन :9788126316106

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कठपुतलियाँ' युवा कथाकार मनीषा कुलश्रेष्ठ का दूसरा कहानी-संग्रह है। पहले कहानी-संग्रह 'बौनी होती परछाईं' के बाद मनीषा ऐसी युवा प्रतिभा के रूप में चर्चित हुईं जिनके पास कथ्य और कहन की निजी सम्पदा है…

कठपुतलियाँ' युवा कथाकार मनीषा कुलश्रेष्ठ का दूसरा कहानी-संग्रह है। पहले कहानी-संग्रह 'बौनी होती परछाईं' के बाद मनीषा ऐसी युवा प्रतिभा के रूप में चर्चित हुईं जिनके पास कथ्य और कहन की निजी सम्पदा है। इस विश्वास को 'कठपुतलियाँ' संग्रह और अधिक सम्पुष्ट करता है। मनीषा की ये कहानियाँ जीवन को उसकी विभिन्न रचनाओं के साथ अनेक कोणों से पकड़ती हैं।

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