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गीता प्रेस, गोरखपुर >> अमृत वचन

अमृत वचन

जयदयाल गोयन्दका

प्रकाशक : गीताप्रेस गोरखपुर प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :155
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 1035
आईएसबीएन :81-293-0968-8

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इस पुस्तक में ऐसे दामी अमूल्य वचन हैं जिनमें भगवन्नाम, भगवत्स्मृति, गीताजी निःस्वार्थ सेवा तथा सत्संग की महिमा विशेषता से कही गयी है।

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