कहानी संग्रह >> आईने, सपने और वसन्तसेना आईने, सपने और वसन्तसेनारवि बुले
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रवि बुले का पहला कहानी संग्रह 'आईने, सपने और वसन्तसेना' कई तरह से हिन्दी कहानी के आत्ममुग्ध चरित्र को चुनौती देता है
रवि बुले का पहला कहानी संग्रह 'आईने, सपने और वसन्तसेना' कई तरह से हिन्दी कहानी के आत्ममुग्ध चरित्र को चुनौती देता है। इस संग्रह में शामिल आठ कहानियाँ समय में घुलती मानवीय चिन्ताओं को टटोलती हैं। इनका 'नितान्त नयापन' सहजता से रेखांकित किया जा सकता है।
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