कविता संग्रह >> वाजश्रवा के बहाने वाजश्रवा के बहानेकुँवर नारायण
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हिन्दी के अग्रणी कवि कुँवर नारायण का यह दूसरा खंड-काव्य है…
हिन्दी के अग्रणी कवि कुँवर नारायण का यह दूसरा खंड-काव्य है। अपनी सुदीर्घ, सार्थक और यशश्वी रचना-यात्रा में उन्होंने अनेक बार हिन्दी कविता को प्रचलित पंक्तियों से उबार कर नए काव्यार्थ से समृद्ध किया है। 'वाजश्रवा के बहाने' अनेक समकालीन सन्दर्भों से जुड़ती हुई एक बिलकुल नयी और स्वतन्त्र रचना है, जिसकी 'आत्मजयी' के परिप्रेक्ष्य में भी एक ख़ास जगह बनती है।
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