नई पुस्तकें >> हिमखंड हिमखंडवंदना मोदी गोयल
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एक ऐसी औरत की कहानी, जो उम्र भर अपनी आत्मा पर, अपने जिस्म पर, पुरूष नाम के कोढ़ को ढोती रही।
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
एक ऐसी औरत की कहानी, जो उम्र भर अपनी आत्मा पर, अपने जिस्म पर, पुरूष नाम के कोढ़ को ढोती रही बर्फ की ठंडक देने का दावा करने वाला ये पुरूष कब उसके अंर्तमन पर खंड–खंड जमता हुआ हिमखंड की तरह सख्त हो गया, उसे पता ही नहीं चला - क्या अपने जीवन में कभी वो इस हिमखंड को पिघला सकी।