नई पुस्तकें >> मत थको विहग मत थको विहगआशा सहाय
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80 कविताओं का यह संग्रह विविधता से परिपूर्ण है – ‘मत थको विहग’ शीर्षक ही ‘मन की तेरी यह अल्प थकन’ की ओर संकेत करके जैसे उसके पंखों को हल्के से सहला देती है।
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
‘आशा सहाय’ का अनुभूत सत्य, तथ्य और परिवेश के सौन्दर्य का यह आकलन लयबद्ध, छंदबद्ध होकर एक आकर्षक काव्य संग्रह का रूपाकार ले पाया। संघर्षों की संवेदनशील प्रस्तुति सराहनीय है। 80 कविताओं का यह संग्रह विविधता से परिपूर्ण है – ‘मत थको विहग’ शीर्षक ही ‘मन की तेरी यह अल्प थकन’ की ओर संकेत करके जैसे उसके पंखों को हल्के से सहला देती है। ‘दर्द’ में दर्द सुख सापेक्ष – किन्तु तुच्छ भावों का तिरोहण। प्रेम का सात्विक प्रसार पा जाता है।