नई पुस्तकें >> कमल से भरा आकाश कमल से भरा आकाशशान्ती कृष्णास्वामी
|
0 |
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
जैसे बूँद-बूँद से गहरे सागर, रेत के कणों से फैले हुए रेगिस्तान बनते हैं, वैसे ही नन्हें बच्चों की सूझ-बूझ से बनती हैं मनोरंजक कहानियाँ। चलो ले चलते हैं तुम्हें अबु, नूतन, कोकिला, जिश्नू ... सो मिलाने। क्या हैं इनमें कोई तुम्हारे जैसा... ?
क्या दिवाली मुत्थु के लिए नई खुशियाँ लाने वाली थी ?
क्या दिवाली मुत्थु के लिए नई खुशियाँ लाने वाली थी ?
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book