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			 चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट >> जन्मदिन के उपहार जन्मदिन के उपहारगीतांजली प्रसाद
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
चिंकी और बबलू को बहुत बुरा लग रहा था। ‘‘कल जब हम मां को ‘हैपी बर्थडे’ कहेंगे तो साथ में क्या देंगे ? कुछ भी नहीं,’’ बबलू ने दुखी स्वर में कहा।
अगले दिन उनकी मां का जन्मदिन था। उनके पिता दौरे पर थे इसलिए दावत का सवाल ही नहीं था। न केक कटेगा और न उपहार होंगे।
			
		  			
			अगले दिन उनकी मां का जन्मदिन था। उनके पिता दौरे पर थे इसलिए दावत का सवाल ही नहीं था। न केक कटेगा और न उपहार होंगे।
						
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