चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट >> रोजा रोजाअलका शंकर
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
प्यारी-सी रोज़ा छह साल की एक लड़की थी।
झारखंड प्रांत के सिमीडेगा गांव में उसका घर था।
रोज़ा के गांव का रास्ता जंगल के बीच से होकर जाता था। चारों तरफ हरियाली ही हरियाली थी।
गांव के लोग खेती करते थे। खेतों के चारों ओर फलों के पेड़ों की कतारें थीं।
झारखंड प्रांत के सिमीडेगा गांव में उसका घर था।
रोज़ा के गांव का रास्ता जंगल के बीच से होकर जाता था। चारों तरफ हरियाली ही हरियाली थी।
गांव के लोग खेती करते थे। खेतों के चारों ओर फलों के पेड़ों की कतारें थीं।
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