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			 चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट >> चोटी गठबंधन चोटी गठबंधनघनश्याम मुरारी सक्सेना
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
कक्षा छठी, घंटा गणित का, सिंह अध्यापक पढ़ाते थे। विद्यार्थी उनके नाम से थर्राते थे। पतले-दुबले थे, पर था बड़ा तेज स्वभाव। गुस्सा एकदम लाजवाब, गुस्से में कुछ भी मार देते। पढ़ाते वक्त शेर की तरह, विद्यार्थी पर गुर्राते थे। वह कक्षा में सिंह की तरह आए, सब विद्यार्थी डर से थर्राए। उन्होंने गणित का सवाल बोला, विद्यार्थी की योग्यता को टटोला। बोले, ‘‘जो सबसे पहले सवाल दिखाएगा, समझो गणित की हर परीक्षा में प्रथम आएगा। जो द्वितीय और तृतीय स्थान पर सवाल दिखाएगा, वह द्वितीय और तृतीय स्थान पाएगा।’’ वैसे ही हम परीक्षा के नाम से घबराते थे, अक्सर सवालों के नाम से हमें पसीने आते थे। एक सवाल के हल से कहीं योग्यता का पता चलता है।
			
		  			
			
						
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