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लेखक:

वरयाम सिंह

जन्म 1948। बाहू (बंजार) कुल्लू, हिमाचल प्रदेश में। आरंम्भिक शिक्षा बंजार में तथा बाद में रूसी अध्ययन संस्थान, दिल्‍ली से 1969 बी.ए. (आनर्स)। मास्को राजकीय विश्वविद्यालय में रूसी साहित्य का विशेष अध्ययन तथा वहीं से पी-एच.डी.। 1972 से जवाहरलाल नेहरू विश्वविधालय में अध्यापन।

रूसी कविताओं के दस अनुवाद-संकलन हिन्दी में प्रकाशित, जिनमें उल्लेखनीय हैं : आयेंगे दिन कविताओं के (त्स्वेतायेवा) , निकोलाइ रेरिख की कविताएँ एवं कविता विषयक रूसी कविताएँ। अनुवाद के लिये सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार, मध्य प्रदेश साहित्य परिषद का आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार तथा कविता के लिये हिमाचल अकादमी पुरस्कार।

तनी हुई प्रत्यंचा

वरयाम सिंह

मूल्य: $ 12.95

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