लेखक:
सत्यजित राय
जन्म : 2 मई, सन 1921।
जन्म-स्थान : 100, गड़पार रोड, दक्षिणी कलकत्ता (बंगाल)। मृत्यु : 23 अप्रैल, 1992। पिता सुकुमार राय एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। प्रारम्भिक शिक्षा घर पर हुई। पाँच साल की आयु में माँ सुप्रभा राय के साथ भवानीपुर में नाना के घर जाकर रहने लगे। सन 1936 में बालीगज गवर्नमेंट हाईस्कूल से मैट्रिक पास किया। बांग्ला फिल्मों के अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त निदेशक होने का साथ-साथ उच्च कोटि के संगीतकार, चित्रकार, छायाकार, पत्रकार और लेखक। बच्चों के लिए विशेष तौर पर काम किया है। ‘पथेर पंचाली’ उनकी विश्वप्रसिद्ध बांग्ला फिल्म है। हिन्दी सिनेमा को भी उन्होंने ‘सद्गति’ और ‘शतरंज के खिलाड़ी’ जैसी फिल्में दीं। अपनी कला-मर्मज्ञता के कारण वे कई उच्चस्तरीय राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय समितियों के पदाधिकारी रहे। ऑस्कर समेत अनेक पुरस्कार-प्राप्त। कृतियाँ : उपन्यास : सोने का किला, बादशाही अंगूठी, जहाँगीर की स्वर्णमुद्रा, जब मैं छोटा था। कहानी-संग्रह : सत्यजित राय की कहानियां : (प्रोफेसर हिजबिजबिज, फ्रिन्स, ब्राउन साहब की कोठी, सदानन्द की छोटी दुनिया, खगम, रतन बाबू और वह आदमी, भक्त, झक्की बाबू, बारीन भौमिक की बीमारी, सियार देवता का रहस्य, समाद्दार की चाबी, घुरघुटिया की घटना।), प्रोफेसर शंकू के कारनामे : (प्रोफेसर शंकू और रोबू, प्रोफेसर शंकू और कोचाबंबा की गुफा, प्रोफेसर शंकू और लाल मछली का रहस्य, प्रोफेसर शंकू और गुरिल्ला, प्रोफेसर शंकू और बगदाद की संदूकची।), मुल्ला नसीरुद्दीन की कहानियां। |
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सत्यजीत राय का एक जासूसी उपन्यास... आगे... |