लेखक:
मधु कांकरिया
जन्म : 23 मार्च, 1957 (कोलकाता)। शिक्षा : एम.ए. (अर्थशास्त्र), कम्प्यूटर विज्ञान में डिप्लोमा। प्रकाशित कृतियाँ : उपन्यास-खुले गगन के लाल सितारे (2000), सलाम आखरी (2002), पत्ता खोर (2005), सेज पर संस्कृत (2008), सूखते चिनार (2012)। कहानी-संग्रह-बीतते हुए (2004), और अंत में ईशु (2008), चिड़िया ऐसे मरती है (2011), भरी दोपहरी के अँधेरे (प्रतिनिधि कहानियाँ), दस प्रतिनिधि कहानियाँ (2013), युद्ध और बुद्ध (2014)। सामाजिक विमर्श – अपनी धरती अपने लोग (2012)। यात्रा वृत्तान्त – बादलों में बारूद (2014)। अनुवाद – सूखते चिनार का तेलगु में अनुवाद। टेली फिल्म – रहना नहीं देश विराना है, प्रसार भारती। सम्मान/पुरस्कार : कथा क्रम पुरस्कार 2008, हेमचन्द्र स्मृति साहित्य सम्मान – 2009, समाज गौरव सम्मान – 2009, विजय वर्मा कथा सम्मान 2012, शिवकुमार मिश्र स्मृति कथा सम्मान – 2015, प्रथम विद्या साहित्य सम्मान – 2015। संपर्क : फ्लैट – 1004, लीलियम, आर-12 सेक्टर, नाहर अमृत शक्ति, चाँदीवली, मुंबई-400072 |
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सूखते चिनारमधु कांकरिया
मूल्य: $ 6.95 |
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सेज पर संस्कृतमधु कांकरिया
मूल्य: $ 10.95 यह उपन्यास बेधक, जुझारू, धैर्यवान और अन्ततः विद्रोही स्त्री की आन्तरिक पीड़ा का बड़ा ही मार्मिक विश्लेषण-अंकन करता है। आगे... |
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हम यहां थेमधु कांकरिया
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