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लेखक:

माधव कौशिक

जन्म : 1 नवम्बर 1954, भिवानी, हरियाणा।

भाषा : हिन्दी विधाएँ : कविता, गीत, ग़ज़ल, कहानी, आलोचना, बाल साहित्य, अनुवाद।

मुख्य कृतियाँ – ग़ज़ल संग्रह : आईनों के शहर में, किरण सुबह की, सपने खुली निगाहों के, हाथ सलामत रहने दो, आसमान सपनों का, नयी सदी का सन्नाटा, सूरज के उगने तक, अंगारों पर नंगे पाँव, खूबसूरत है आज भी दुनिया, सारे सपने बागी हैं।

खंड-काव्य : सुनो राधिका, लौट आओ पार्थ नवगीत : मौसम खुले विकल्पों का, शिखर सम्भावना के कहानी संग्रह : ठीक उसी वक्त, रोशनी वाली खिड़की कविता-संग्रह : सबसे मुश्किल मोड़ पर, एक अदद सपने की खातिर आलोचना : नवगीत की विकास यात्रा, कसौटी पर शब्द बाल-साहित्य : खिलौने मिट्टी के, आओ अम्बर छू लें।

संपादन : हरियाणा की प्रतिनिधि हिन्दी कविता, समकालीन हिंदी ग़ज़ल संग्रह।

सम्मान – हंस कविता सम्मान, रवीन्द्र नाथ वशिष्ठ सम्मान, सहस्त्राब्दी सम्मान (विश्व हिन्दी सम्मेलन, नयी दिल्ली), राजभाषा रत्न (हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग), बाबू बालमुकन्द गुप्त सम्मान, (हरियाणा साहित्य अकादमी), अखिल भारतीय बलराज साहनी पुरस्कार, महाकवि सूरदास सम्मान (हरियाणा साहित्य अकादमी)।

ख़ूबसूरत है आज भी दुनिया

माधव कौशिक

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माधव कौशिक का नौवाँ ग़ज़ल-संग्रह   आगे...

शब्द ढले अंगारों में

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