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लेखक:

जितेंद्र कुमार सोनी

प्रशासनिक सेवा में रहते हुए भी अपने साहित्यिक रुझान और लेखन-प्रवृत्ति के कारण साहित्य-जगत में भी सतत सृजनशील बने रहने वाले लेखक डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी यायावरी, फोटोग्राफी और साइक्लिंग आदि अभिरुचियों को भी समान भाव और त्वरा के साथ निरंतर गतिशील रखे हुए हैं। हिंदी और राजस्थानी, दोनों ही भाषा-आँगनों में समानुपातिक रूप से आवाजाही करते हुए लेखक ने दोनों ही भाषा-संसार को अपने लेखन से समृद्ध किया है। कविता, कहानी, डायरी-लेखन तथा अनुवाद आदि अनेक लेखन-अनुशासन को एक साथ साधते हुए डॉ. सोनी ने काफी कम समय में पर्याप्त काम किया है। मूल हिंदी रचनाओं-उम्मीदों के चिराग तथा रेगमाल (दोनों कविता-संग्रह) के साथ ही एडियोस (कहानी-संग्रह) एवं यादावरी (डायरी) के साथ ही रणखार (राजस्थानी कविता-संग्रह) तथा भरखमा (राजस्थानी कहानी-संग्रह) के लेखक डॉ. सोनी अच्छे अनुवादक भी हैं तथा इन्होंने अनेक महत्वपूर्ण कृतियों का पंजाबी से राजस्थानी, अंग्रेजी से राजस्थानी तथा पंजाबी से हिंदी में अनुवाद भी किया है। रणखार के लिए साहित्य अकादेमी का युवा पुरस्कार, रेग्माल के लिए राजस्थान साहित्य अकादमी तथा-भरखमा के लिए राजस्थानी भाषा, साहित्य और संस्कृति की ओर से मुरलीधर व्यास राजस्थानी कथा पुरस्कार समेत अनेक अन्य सम्मान और पुरस्कार भी इन्हें मिले हैं। संप्रति, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राजस्थान, जयपुर में पदस्थापित।

ओकुहेपा

जितेंद्र कुमार सोनी

मूल्य: $ 9.95

"यात्राओं का अनमोल अनुभव : जीवन को किताबों से परे समृद्ध करना"

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