लेखक:
आचार्य रत्नाकर
जन्म: नागपुर में।
नागपुर विश्वविद्यालय के से विज्ञान में स्नातक और पुणे विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आई.आई.टी.), खड़गपुर से पी-एच.डी. किया। कालीदास संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा आचार्य की मानक उपाधि से सम्मानित। कविता, भारतीय संस्कृति, साहित्य और इतिहास में उनकी गहरी रुचि है। कंप्यूटर, मुद्राशास्द्घ, चित्रकारी और अध्ययन उनके शौक हैं। उनकी सद्य: प्रकाशित ‘गीता ज्ञान कोश’ डी.लिट. की उपाधि के लिए कवि-कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय में प्रस्तुतत की गई सामग्री का अंश है। अंग्रेजी, हिंदी और मराठी में उनकी आनेवाली पुस्तकें ‘भारतीय इतिहास’, ‘गीता’ और शब्दकेश- निर्माण जैसे विषयों पर हैं। उनकी अन्य कृतियाँ हैं—
संप्रति : यॉर्क यूनिवर्सिटी, टोरंटो में अंतरराष्ट्रीय एम.बी.ए. कार्यक्रम के लिए एडवांस्ड हिंदी पाठ्यक्रम का निर्देशन और अध्यापन। संस्कृत विद्या परिषद् के अध्यक्ष और हिंदू इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग, टोरंटो में संस्कृत एवं ‘गीता’ अध्यापन, जिसके वे निदेशक और प्रिंसिपल हैं। उत्तरी अमेरिका में हिंदी भाषा के विकास हेतु प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका ‘हिंदी चेतना’ के परामर्शदाता। संपर्क :
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हिन्दी टीचरआचार्य रत्नाकर
मूल्य: $ 29.95 यह पुस्तक हिन्दी टीचर के अध्यापन के गुणों पर आधारित है... आगे... |
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