लोगों की राय
छत के ऊपर एक कमरा था जो हमेशा संयुक्त परिवार की पाठ्य-पुस्तक-जैसा खुला पड़ा रहता था। कोने में रखी हुई मुगदरों की जोड़ी इस बात का ऐलान करती थी कि सरकारी तौर पर यह कमरा बद्री पहलवान का है। वैसे, परिवार के दूसरे प्राणी भी कमरे का अपने-अपने ढंग से प्रयोग करते थे। घर की महिलाएँ काँच और मिट्टी के बरतनों में ढेरों अचार भरकर छत पर धूप में रखती थीं और शाम होते-होते कमरे में जमा कर देती थीं। यही हाल छत पर सूखनेवाले कपड़ों का भी था। कमरे के आर-पार एक रस्सी लटकती थी जिस पर शाम के वक्त लँगोट और चोलियाँ, अंगोछे और पेटीकोट साथ-साथ झूलते नजर आते थे। वैद्यजी के दवाखाने की अनावश्यक शीशियाँ भी कमरे की एक आलमारी में जमा थीं। प्रायः सभी शीशियाँ खाली थीं। उन पर चिपके हुए सचित्र विज्ञापन ‘इस्तेमाल के पहले' शीर्षक पर एक अर्धमानव की तस्वीर से और 'इस्तेमाल के बाद' शीर्षक के अन्तर्गत एक ऐसे आदमी की तस्वीर से, जिसकी मूंछे ऐंठी हुई हैं, लँगोट कसा हुआ है और परिणामतः स्वास्थ्य बहुत अच्छा है, पता चलता था कि ये वही शीशियाँ हैं जो हजारों इन्सानों को शेर के मानिन्द बना देती हैं; यह दूसरी बात है कि वे अपने गुसलखाने और शयन-कक्ष में ही कमर लपलपाते हुए शेर की तरह घूमा करते हैं, बाहर बकरी-के-बकरी बने रहते हैं। आगे पढ़ें।

कुछ चुनी हुई पुस्तकें

नेपथ्य राग

मीरा कांत

मूल्य: $ 5.95

प्रयोजनमूलक हिन्दी : प्रयोग और प्रकृति

मनोज पाण्डेय

मूल्य: $ 20.95

आलोचना के नये परिप्रेक्ष्य

मनोज पाण्डेय

मूल्य: $ 10.95

यह दुख : यह जीवन

तसलीमा नसरीन

मूल्य: $ 9.95

 

पाठ्य पुस्तकें

पाठ्य पुस्तकें देखें

प्रवेश

लेखक प्रवेश

सदस्यों के ब्लॉग

समाचार और सूचनायें

गूगल प्ले स्टोर पर स्वामी विवेकानन्द की पुस्तकें आगे...

गूगल प्ले स्टोर पर हिन्दी की धार्मिक पुस्तकें आगे...

एप्पल आई ट्यून्स अथवा आई बुक्स में कुछ लोकप्रिय धार्मिक पुस्तकें आगे...

गूगल प्ले स्टोर पर विविध पुस्तकें आगे...

एप्पल आई ट्यू्न्स अथवा आई बुक्स पर गुरुदत्त के उपन्यास आगे...

हमारे संग्रह में एप्पल आई ट्यून्स अथवा आई बुक्स पर उपलब्ध प्रेमचन्द की मानवीय उत्थान की कहानियाँ आगे...

गूगल प्ले स्टोर पर प्रेमचन्द की मानवीय उत्थान की कहानियाँ आगे...

हिन्दी कहानियाँ सुनें

कहानियाँ सुनें