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राजपाल लोकोक्ति कोश

हरिवंशराय शर्मा

प्रकाशक : राजपाल एंड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2012
पृष्ठ :268
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 9683
आईएसबीएन :9788170280095

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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

लोकोक्तियाँ किसी समाज के अनुभव तथा उससे उपलब्ध ज्ञान का निचोड़ होती हैं ! वे प्राचीनतम पुस्तकों से भी प्राचीन तथा वैविध्यपूर्ण होती है ! समाज के सभी वर्गों के व्यक्ति उनसे हर समय लाभ उठा सकते है ! लोकोक्तियों के प्रयोग से भाषा का सौंदर्य और सार्थकता का जाती है ! अनेक वर्षों के परिश्रम से तैयार किया गया प्रस्तुत संकलन हिन्दी-भाषा प्रदेश का समग्र प्रतिनिधित्व तो करता ही है, इसमें संस्कृत और उर्दू तथा पारसी से भी चुन-चुनकर लोकोक्तियां ली गई है ! साथ में उनके अर्थ दिये गये हैं और श्रेष्ठ लेखकों की कृतियों से उदाहरण प्रस्तुत किये गये है ! प्रसिद्ध कवि तुलसी, सूर, वृन्द, रहीम और नरोत्तमदास जैसे सुकवियों की जनप्रिय उक्तियां भी संकलन में हैं-जो इसका एक मुख्य आकर्षण है ! इस प्रकार एक ही स्थान पर उपलब्ध यह संचित ज्ञान सभी प्रकार के पाठकों के लिए लाभदायक है!

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