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खुद को Heal करने के 111 मंत्र

लुइस एल. हे

प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2013
पृष्ठ :143
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 9030
आईएसबीएन :9789350483169

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खुद को Heal करने के 111 मंत्र...

Khud Ko Heal Karne Ke 111 Mantra - A Hindi Book by Louise L. Hay

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

कभी-कभी जब हमें दर्द व भय महसूस होता है तो हम किसी अन्य की ओर देखते हैं कि वह आकर हमें बचाएगा, हमारे लिए कुछ करेगा। पर जैसे ही हम अपनी अंतरात्मा से संबंध जोड़ते हैं, वैसे ही हमारे जीवन की गुणवत्ता का सुधार होना शुरू हो जाता है। यह एक बहुत आश्चर्यजनक अनुभव है कि हमें किसी और के ऊपर निर्भर नहीं होना है या रहना है; हमारे पास तमाम क्षमता है अपने जीवन में धनात्मक परिवर्तन लाने के लिए।

यह पुस्तक हमारे दिन-प्रतिदिन के अनुभवों के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित है और इसका उद्देश्य है-हमें उस जगह मार्ग दिखाना, जहाँ पर कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

हम अपना निर्माण करना चाहते हैं, न कि अपने को हराना। जब दुविधा की स्थिति में हों कि ‘नए-पुराने’ में से क्या चुनें तो इस पुस्तक की मदद ले सकते हैं। इसमें दिए गए ‘ध्यान’ और ‘उपचार’ प्रतिदिन करेंगे तो आपके अंदर परिवर्तन करने की क्षमता और विश्वास पैदा होगा।

अपने विकारों, कमियों और दोषों को दूर कर सकारात्मक विचारों, सोच और कर्मशीलता को विकसित कर जीवन में सफल होने के व्यावहारिक सूत्र बताती सुप्रसिद्ध पुस्तक ‘Heart Thoughts’ का हिंदी अनुवाद।

लेखकीय

यह पुस्तक ध्यान, आध्यात्मिक उपचार और मेरे भाषणों का एक मिला जुला रूप है। यह हमारे दिन-प्रतिदिन के अनुभवों के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित है और इसका उद्देश्य है-हमें उस जगह मार्ग दिखाना, जहाँ पर कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

जब हम पीड़ित की तरह महसूस करते हैं तब अपने आपको सबसे अलग-थलग कर लेते हैं। हमें दर्द व भय महसूस होता है और हम किसी अन्य की ओर देखते हैं कि वह आकर हमें बचाएगा, वह हमारे लिए कुछ करेगा। अब हमारे पास एक अवसर है कि जीवन की कठिनाइयों से निबटने के लिए हम अपनी क्षमताओं की खोज करें-एक पीड़ित की तरह नहीं, बल्कि इस तरह से कि वह हमें शक्ति प्रदान करे। हम पाएँगे कि जैसे ही हम अपनी अंतरात्मा से संबंध जोड़ते हैं, वैसे ही हमारे जीवन की गुणवत्ता का सुधार होना शुरू हो जाता है। यह एक बहुत आश्चर्यजनक अनुभव है कि हमें किसी और के ऊपर निर्भर नहीं होना है या रहना है; पर हमारे पास तमाम क्षमता है अपने जीवन में धनात्मक परिवर्तन लाने के लिए। यह एक बहुत आश्चर्यजनक रूप से स्वतंत्र करनेवाली चीज है।

कुछ लोग इस नई स्वतंत्रता से भयभीत भी हो सकते हैं, क्योंकि यह एक जिम्मेदारी की तरह प्रतीत होती है; पर यह जिम्मेदारी केवल यह इंगित करती है कि हम जीवन के प्रति जवाबदेह हैं। हम एक नए युग और नए अनुशासन में जा रहे हैं। यह समय है, जब कि हम अपनी पुरानी आदतों और विश्वासों को पीछे छोड़ दें।

जैसे-जैसे हम नए-नए विश्वासों का अभ्यास करेंगे और अपने व्यवहार में नए-नए तरीके अपनाएँगे, हम एक नए विश्वास के, नए समाज के निर्माण में सहयोग देंगे।

अपने आप में धैर्य रखें। उस क्षण से, जब आप परिवर्तन करने का निश्चय करते हैं और जब तक आप उसका प्रदर्शन नहीं कर लेते हैं, आप पुराने और नए के बीच झूलते रहेंगे। आप स्वयं से खिन्न न हों। आप अपना निर्माण करना चाहते हैं, न कि अपने को हराना चाहते हैं। आप इस पुस्तक की मदद ले सकते हैं, जब आप दुविधा की स्थिति में हों कि ‘नए-पुराने’ में से क्या चुनें। आप इसमें दिए गए ‘ध्यान’ और ‘उपचार’ प्रतिदिन करेंगे तो आपके अंदर परिवर्तन करने के लिए सामर्थ्य और विश्वास पैदा होगा।

यह जाग्रत् होने का समय है। आप यह समझ लें कि आप सुरक्षित हैं। शुरू-शुरू में आपको ऐसा नहीं लगेगा, पर यह आप जान जाएँगे कि जीवन सदा आपके लिए है। यह समझ लें कि पुरानी व्यवस्था से नई व्यवस्था में जाना सुरक्षित और शांतिपूर्ण है।

- लुइस एल. हे

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