कविता संग्रह >> काव्य-मुक्तामृत काव्य-मुक्तामृतश्याम गुप्त
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दिन-प्रतिदिन के लौकिक-व्यवहार व जीवन मार्ग पर चलते-चलते व्यक्ति विभिन्न विचारों, घटनाओं, मत-मतांतरों, व्यंजनाओं, वर्जनाओं, प्रश्नों व सामाजिक सरोकारों से दो-चार होता है
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