सामाजिक >> दर्दपुर दर्दपुरक्षमा कौल
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धार्मिक उन्माद और आतंक के चलते कश्मीर के संस्कृतिमूलक समाज के भयावह विखण्डन तथा कश्मीरी हिन्दुओं और मुसलमानों के आपसी रिश्तों के संवेदन, द्वन्द्व एवं जटिलता को एक संवेगी रूप से उद्घाटित करने वाला सशक्त उपन्यास।
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